Hindi Sex Stories – मेरी रंडी बनने की कहानी, मेरी ज़ुबानी

अब Xxx रंडी सेक्स कहानी पर आते हैं।

कुछ दिन पहले ही मेरे पिता जी की मृत्यु हो गई थी और उसके बाद से परिवार में हम दोनों मां बेटी ही रह गई।

मेरी मां हमेशा से परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में सोच कर चिंता करती रहती हैं.

फिर एक दिन मां की सहेली ऊषा आंटी मेरे घर में आई और मेरे घर के हालात के बारे में मां से बात करने लगी- देख काजल, तेरे घर की हालत ठीक नहीं है. तुम कुछ काम क्यों नहीं कर लेती हो. अभी तुम जवान हो, खूबसूरत हो और जिंदगी जीने के लिए इतना बहुत काफी है।

मां- मुझे इस उम्र में कौन काम देगा? और तो मुझे कोई भी काम का अनुभव भी नहीं पता है ऐसे में मैं किसके पास जाऊं … बोल?
ऊषा- तुम उसकी चिंता मुझ पर छोड़ दो. मैं तुम्हें पैसे कमाने की कला बताऊंगी. बस तुम मेरी बात मानकर, जो मैं बोलूंगी उसे करते रहना.

माँ बोली- ठीक है!
ऊषा बोली- तो मैं कल आऊंगी तेरे पास फिर बाजार जाकर कुछ नए और सेक्सी कपड़े लेकर आएंगे।

मां- लेकिन इन सब के लिए इतना पैसा मेरे पास नहीं है।
ऊषा- तू पैसे की चिंता मत कर! मैं हूं ना … मुझे बाद में कमाने के बाद चुका देना!

दूसरे दिन ऊषा बहुत ही टाईट और सेक्सी कपड़े पहन कर मेरे घर आई.
मैं बस देखती ही रह गई।

वह माँ को झकझोर कर बोली- हैलो मैडम, क्या हुआ, ऐसे क्या देख रही हो?
मां- नहीं यार कुछ भी नहीं!

फिर मेरी मां और ऊषा आंटी दोनों बाजार गई.

जाते समय तो मेरी मां साड़ी में गई थी लेकिन जब वापस आईं तो कुछ पल के लिए तो मुझे विश्वास नहीं हुआ कि यह मेरी मां है.
वे जैसे किसी फिल्म की हिरोइन लग रही थी … मैं अपने मां को देखती रह गई।

मिनी स्कर्ट और टॉप पहन रखा था मां ने और पूरा ब्यूटी पार्लर में सज धज कर आई हुई थी।

कुछ देर बाद लगभग शाम को एक कार मेरे घर के बाहर आई.
उसमें से एक अधेड़ उम्र का आदमी बाहर निकल कर मेरे घर में आया।

ऊषा- आइए सेठ जी, हम दोनों तैयार हैं. आप एक बार अंदर जाकर उसे देख लीजिए. उसके बाद हम लोग चलेंगे।

सेठ- ठीक है. मेरे बारे में तो बता दिया ना कि पूरी रात मेरे साथ मेरे फार्म हाउस में रूकना है। बाकी सारी व्यवस्थाएं मेरी तरफ से फ्री!
ऊषा- हां सेठ जी, मैंने उसे सारी बात बताई है. बाकी आप स्वयं जाकर देख लीजिए।

ऊषा आंटी और उस सेठ की बातें सुनकर इतना तो मैं समझ गई थी कि मां कुछ ग़लत जरूर करने जा रही है.
लेकिन मेरे अंदर भी एक अजीब सी सिहरन दौड़ गई थी।

वह आदमी कमरे के अंदर जाता … उसके जाने से पहले ही मैं उसी कमरे में जाकर छुप कर बैठ गई और अपनी मां और सेठ के करतूत को देखने के लिए!

सेठ कमरे में आया.
मेरी मां जो कि बाथरूम में थी, वे बाहर आई तो अपने सामने सेठ को पाया।

सेठ- क्या तुम काम करने के लिए तैयार हो? और तुम्हें मेरे साथ मेरे फार्म हाउस में आज की एक रात बितानी होगी. इसकी सारी व्यवस्थाएं मेरी होंगी और तुम्हें इसके बदले बहुत पैसे और कपड़े भी मिलेंगे. बाकी बातें मैं तुम्हें फोन करके बता दूंगा।
मां- ठीक है सेठ जी, मैं तैयार हूं. लेकिन एक रात का कितना मिलेगा और क्या क्या करना होगा मुझे?

सेठ आगे बढ़कर मेरी मां के होंठों को छूकर बोला- बस सारी रात मज़ा करना है और मज़ा देना है.

इतना कहकर वह मां को अपनी तरफ खींच कर उसके चूतड़ों को सहलाने लगा.
और मेरी मां भी जो बहुत ही भूखी-प्यासी थी उसका साथ देने लगी।

ऐसा देखकर मेरे चूत से पानी निकलने लगा और मैं भी चाहती थी कि काश मुझे भी कोई ऐसा ऑफर देता।

ऊषा- अरे आप लोग अंदर ही सब कुछ कर लेंगे कि बाहर भी निकल कर आयेंगे?

इतना सुनते ही सेठ मां को अपनी बाहों में भर कर बाहर निकल आया और बोला- क्या माल दिया तुमने ऊषा! मुझे ऐसे ही खूबसूरत औरत की तलाश थी जो तुमने आज़ पूरा कर दिया।
ऊषा- सेठ जी, सब आपकी ही तो मेहरबानी है जो मैं आज इतने मौज में हूं. आगे आगे देखिए और अच्छे अच्छे माल का मजा आपको चखाऊंगी।

सेठ मेरी मां को मेरे सामने ही कार में बैठा कर चल दिया और ऊषा आंटी मेरे पास ही रूक गई।

तब मैंने ऊषा आंटी से पूछा- मेरी मां कौन सी ड्यूटी पर गईं हैं, कितने घंटे का ड्यूटी है और कितना वेतन मिलेगा आंटी?
ऊषा- बेटी इस नौकरी में वेतन फिक्स नहीं होता है लेकिन इस काम में मज़ा और पैसा खूब आता है और बड़े बड़े लोगों से जान पहचान होती है। बस अपने आपको सुन्दर और सेक्सी बना कर रखना चाहिए और पहनावे पर ध्यान देना चाहिए बस!

ऊषा आंटी मुझे बड़ी गौर से देख रही थी.
ऐसा मुझे आभास हुआ।

ऊषा- क्यों? तुम ऐसे पूछ रही हो बेटी? क्या तुम भी ऐसा काम करोगी? अगर हां कहो तो अभी बताओ अभी एक फोन पर बहुत से सेठ लोग आ जाएंगे तुम्हें लेने के लिए! बढ़िया कपड़े और सभी खाना पीना फ्री और मुंह मांगे पैसे भी! वह भी सब गुप्त तरीके से … तेरी मां को भी पता नहीं चलेगा। बोलो?

मेरे अंदर सारा दृश्य चलने लगा और अंदर ही अंदर खलबली मच गई.
मैंने हां बोल दिया.

लेकिन कहीं ना कहीं डर बना था कि कहीं अगर मेरी मां को पता चला तो बहुत ही बुरा होगा.
इसलिए फिर मैंने आंटी को मना कर दिया- नहीं, मैं ऐसा काम नहीं करूंगी।
ऊषा- ठीक है बेटा, जब भी मेरी जरूरत पड़े तो बोल देना. मेरा मोबाइल नम्बर तेरे पास है ही!
यह कहते हुए वह चली गई।

लेकिन उनके जाने के बाद मैं अंदर गई और आईना के सामने खड़ी होकर एकटक अपने आप को देखने लगी.

फिर अगले दिन से मैंने अपने आप को बहुत बदला.
कपड़े पहनने से लेकर चलने और बात करने तक!

और फिर मुझे पोर्न वेबसाइट्स पर जाकर मूवी देखने की गंदी आदत पड़ गई और घर में आई गाजर मूली और बैंगन आदि अपने चूत में डाल कर मज़े लेने लगी।

ऐसे कैसे दिन बीतने लगे.

फिर एक दिन अचानक मेरी मां बोली- बेटी, मुझे कुछ काम से एक महीने के लिए पुणे जाना है. तो तुम ऊषा आंटी के साथ उनके ही घर पर सोने के लिए जाना. अगर कोई जरूरत पड़े तो ऊषा को बोल देना। तेरे रहने को लेकर मेरी ऊषा से बात हो गई है।

मैंने बोला- ठीक है. लेकिन आप किसके साथ जा रही हैं और क्या है ऐसा काम जो एक महीने तक आप पुणे में रहेंगी. इतना पैसा कहां से आयेगा?
तो मां ने कहा- मुझे सेठ जी अपने पैसे से लेकर जा रहे हैं. उनका कंपनी का कुछ काम है, कोई बाहर वाला मिलने आ रहा है।

मुझे उनकी बात समझते देर नहीं लगी.
मैं मन ही मन बहुत खुश हो गई और मन में बोली- जाओ, अपनी चूत चोदवा कर आओ. और यहां मुझे अब कोई रोकने वाला नहीं होगा. एक महीने में अब मैं अपने आप को पूरी तरह से बदल लूंगी।

अगले दिन मां सेठ जी के साथ चलीं गईं और मैं सारी दिन अपने घर पर रहती और पोर्न फिल्म देख कर दिन काटने लगी.

शाम को ऊषा आंटी मेरे घर आई।
ऊषा आंटी काफी सेक्सी कपड़े पहन कर आई थी टाप और जींस जो बहुत ही टाईट थी।

ऊषा- अरे बेटी, क्या कर रही हो?
मैं- कुछ नहीं आंटी, ऐसे ही बैठी हूं। आज़ आप काफी सेक्सी लग रही है इन कपड़ों में! कब खरीदे आपने? काफी महंगे लग रहे हैं।
ऊषा- ये सब उपहार में मिले है बेटी!

ऊषा- मैंने जो तुम्हें बताया था उस पर क्या सोचा तुमने बेटी? ऐसे मौके बार बार नहीं आते हैं. देख तेरी मां भी नहीं है और तेरा घर भी खाली है. इस एक महीने में कम से कम तीन चार लाख रुपए कमवा दूंगी तुझे. बोल क्या बोलती है? और जब तेरी मां आ जाएगी, तब तुम यह काम छोड़ देना. किसी को भी कानो कान खबर भी नहीं लगेगी. क्या बोलती तुम?

मैं- आंटी, क्या सचमुच आप मुझे पैसे कमवा देंगी? लेकिन क्या करना होगा पहले यह तो बोलिए।
ऊषा- चल मेरे साथ कमरे में!

मुझे आंटी कमरे में ले कर आई और फिर मुझे अपने कपड़े खोलने को बोल कर अपने भी कपड़े उतार दिए.
और फिर आंटी मेरे चूतड़ों और चूचियों के साथ खेलने लगी.

मैं भी आंटी के चूत पर हाथ रख कर उनके भगनासा को सहलाने लगी.

आंटी के छूने से मुझे बहुत मजा आ रहा था, मन तो कर रहा था कि अपने चूत में दुनिया भर के लंबे लौड़े डाल लूं।
पूरा का पूरा कमरा सिसकारियों से गूंज उठा।

ऊषा- मेरी चूचियों को पकड़ कर मसलो और चूत को अपने जीभ से चाट! आह … हो … बहुत मज़ा आ रहा है।

मैंने भी खूब मज़ा किया.
आंटी मेरे चूतड़ों और चूचियों को पकड़ कर मसलते हुए अपने जीभ से मेरे चूत को चाटने लगी.
मैं पूरे जोश में उनके सर को अपने चूत के ऊपर दबा रही थी.

मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैं जोश में आंटी को बोली- मुझे रंडी बना दो … मुझे लंबे लंबे लौड़े चाहिएं।

और फिर एक घंटे तक हम दोनों ने आपस में लेस्बियन सेक्स किया और बहुत ही अच्छा लगा।

फिर आंटी बोली- बेटी यही काम तुम्हें मर्द संग करना होगा. क्या बोलती हो? करोगी तो बोलो?
मैंने तुरंत हां बोल दिया और बोली- अभी और इसी वक्त मुझे एक जानदार मर्द चाहिए पूरी रात के लिए!

ऊषा- अच्छा! फिर तो तेरे लिए आज रात को एक नहीं कई सारे मर्द बुला लेती हूँ. क्या तुम सबको खुश कर सकती हो।

मुझे सेक्स का जोश चढ़ा हुआ था तो मैंने हां कह दिया. मुझे लंड खाने की तलब लग चुकी थी.

और फिर आंटी ने काल करके चार आदमियों को बारी बारी से बुला कर मुझे सारी रात चोदवाया।

मां के आने तक सचमुच मैं पूरी तरह से बदल गई थी और Xxx रंडी सेक्स करके मेरे चूतड़ों और चूचियों का साइज़ भी बहुत बढ़ गया था।

अब मैं होटल में जाकर कलांइट के साथ सेक्स करती हूं और बहुत पैसे कमाती हूं।

एक रात मैंने एक सपना देखा जिसमें मेरी मां बूढ़ी हो चुकी थी और उनके सारे काम मैं करती हूं। मैं खुद का एक कोठा भी संचालित कर रही हूं और मेरे पास बीसियों लड़कियां भी है जो अपने शौक से इस धंधे में आई हैं।

आप लोगों को मेरी Xxx रंडी सेक्स कहानी कैसी लगी?