रात का समय था, आसमान में चाँद अपनी पूरी शान से चमक रहा था। राघव अपने बगीचे में टहलते हुए अपने ख्यालों में डूबा हुआ था। वह एक साधारण सा लड़का था, लेकिन उसकी आँखों में बड़े सपने थे। उसके सपनों की रानी का ख्याल उसे हमेशा बेचैन कर देता था। उसने कई बार उसे अपने सपनों में देखा था, लेकिन वह हकीकत में उसे कभी नहीं मिला।
एक दिन, राघव अपने दोस्तों के साथ एक शादी में गया। वहां उसने एक लड़की को देखा, जो बिल्कुल उसके सपनों की रानी जैसी दिख रही थी। वह सफेद रंग की साड़ी में बेहद खूबसूरत लग रही थी। उसकी मुस्कान ने राघव के दिल की धड़कनें तेज कर दीं।
राघव का मन किया कि वह जाकर उससे बात करे, लेकिन उसे डर था कि कहीं उसका सपना टूट न जाए। दोस्तों ने उसे हिम्मत दी और आखिरकार राघव ने उस लड़की के पास जाकर कहा, “हैलो, मैं राघव हूँ। क्या मैं जान सकता हूँ कि आप कौन हैं?”
लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं काव्या हूँ, और आपसे मिलकर खुशी हुई।”
उनकी पहली मुलाकात के बाद, राघव और काव्या ने कई बार एक-दूसरे से मिलने का मौका पाया। हर मुलाकात में उनका बंधन मजबूत होता गया। काव्या राघव के जीवन में प्यार की पहली किरण बनकर आई थी, और राघव को ऐसा महसूस हुआ जैसे उसके सपनों की रानी अब उसकी हकीकत बन गई हो।
कई महीनों बाद, एक दिन राघव ने काव्या से अपने दिल की बात कह दी, “काव्या, तुम मेरे लिए सिर्फ एक दोस्त नहीं हो, तुम मेरे सपनों की रानी हो। क्या तुम मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा बनोगी?”
काव्या ने राघव की ओर देखकर मुस्कुराते हुए कहा, “राघव, मैं भी तुम्हें पसंद करती हूँ। और हाँ, मैं तुम्हारे जीवन का हिस्सा बनना चाहती हूँ।”
उस दिन के बाद से, राघव और काव्या एक-दूसरे के बिना अधूरे थे। उनका प्यार एक नए सफर पर निकल पड़ा, जहां हर कदम पर उन्हें एक-दूसरे का साथ मिला।